Skip to main content

Posts

Showing posts from March, 2017
जिनकी किक में है दम (सपनों की उड़ान भर रही हैं महिला फुटबॉल खिलाड़ी ) यशा माथुर  फुटबॉल जैसे खेल में लड़कियों की नुमांइदगी कम ही दिखाई देती है लेकिन अब बहुत तेजी से महिलाएं इस खेल में आ रही हैं क्योंकि इसमें न केवल नाम व शोहरत मिल रही है बल्कि करियर बनाने के अवसर भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इस साल आयोजित इंडियन वीमंस लीग ने तो फुटबॉल अपनाने वाली महिलाओं के लिए अवसर खोल दिए हैं । यह महिला फुटबॉलर्स ढेरों कठिनाईयों का सामना कर के सामने आईं हैं और अब इनसे प्रेरणा लेने वाली और  मैदान में अपने सपनों की उड़ान भरने वाली   लड़कियां कम नहीं होंगी। करियर बन सकता हैं फुटबॉल में, कहती हैं  बेमबेम देवी ओ बेमबेम देवी पहली भारतीय फुटबॉलर हैं जो विदेशी क्लब के लिए खेली हैं। वे दो दशक से अटेकिंग मिडफील्डर हैं। सात बार इंडिया टीम की कैप्टन रही हैं और जीत भी हासिल की है। 15 साल की उम्र में ही उन्होंने तय कर लिया था कि वे फुटबॉल खेलेंगी। इंफाल, मणिपुर से हैं बेमबेम देवी। शुरू में लड़कों के साथ खेलना शुरू किया। लड़कियां कैसे खेलती हैं उन्हें पता नहीं था। घर के पास के एक लोकल क्लब के जर