महिला फाइटर्स जो उतरती हैं रिंग में जोश से पंच, पावर और पैशन यशा माथुर वे जब प्रवेश करती हैं स्टील की बंद केज में तो हुंकार भरती हुई अपनी पावर का प्रदर्शन करती हैं। जब लड़ती हैं अपने विरोधी से तो पछाड़ देने को आतुर रहती हैं। इनकी फाइटिंग स्किल्स देख कर हैरानी होती है। यूं लगता है जैसे अटैक इनका उसूल है और पंच हथियार। न चोट लगने का डर है और न ही हारने का। बस जज्बा है तो जीत का परचम लहराने का। नियमों में बंधना पसंद नहीं, इसलिए फ्री फाइट में मजा आता है इन्हें। ये हैं भारत की वे मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स महिला फाइटर्स, जिन्होंने कुछ अलग करने की चाहत में फाइट को बना लिया है अपना पहला प्यार ... आशा रोका ने मात्र 52 सेकंड में अपनी प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ दिया। हरियाणा की सुशीला दहिया, मेरठ की कीर्ती राना और दिल्ली की मोनिका शर्मा भी फाइट में जीत के लिए उत्साहित नजर आ रही थीं। इन जैसी महिला फाइटर्स ने फाइट को अपना प्रोफेशन बनाया है। बंद जाली में महिलाओं की एमएमए फाइट देखने लायक थी। इनकी संख्या भारत में बहुत तेजी से बढ़ रही है। सुपर फाइट लीग जैसे मुकाबलों ने इन्हें कमर्शियल फाइटर बनने